कोरिया(छत्तीसगढ़) वन मंडल परिक्षेत्रों में वृक्षो के अवैध कटाई पर लगाम नही लगा पा रहे जिम्मेदार वही दूसरी ओर लगातार नवंबर महीने में अब तक तीन वन्य प्राणी की मृत्यु की जानकारी सामने आई है। 8 नवंबर को कोरिया वन मंडल के असीमांकित सोनहत वन परिक्षेत्र के गरनई बिट अंतर्गत मृत अवस्था मे बाघ का शव मिला था सिलसिला यहाँ नही रुका गुरु घासी दास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर के पार्क परिक्षेत्र जनकपुर अंतर्गत एक तेंदुए का मृत शव मिला जांच की कार्यवाही चलती रही तब तक 19 नवंबर को कोरिया वन मंड़ल के रजौली बिट अंतर्गत भालू का मृत शव मिला लगातार वन्य प्राणियों की मौत हो रही है । पर कोरिया वन मंड़ल में बैठे एसडीओ,डीएफओ के माथे पर कोई चिंता की लकीर ही नही दिखाई देती। एक के बाद एक वन्य प्राणियों की मौत वन विभाग के जिम्मेदारों की घोर लापरवाही का नतीजा है। आवश्यकता है वर्षों से एक स्थान पर जमे अधिकारियों को ट्रांसफर आदेश थामाने की
सहायक वन संरक्षक 19 सालों से कोरिया वन मंडल पर जमे है
कोरिया वन मंडल में वन पाल से नौकरी की शुरुवात कर प्रमोशन पर प्रमोशन पा कर सहायक वन संरक्षक की कुर्शी पर भी अब समय अत्यधिक हो चुका है। उसके बाद भी ट्रांसफर नीति से कोषों दूर है साहब, 3 सालों से अधिक का समय पूरा हो चुका है। लापरवाही और आरोपो के घेरे में रह चुके है । उसके बाद भी लंबी पकड़ ही कह सकते कि आज तक इनकी कुर्शी नही खिसकी न मामलों में जांच और न ही ट्रांसफर सूची में कभी नाम आया । कांग्रेस हो या भाजपा की सरकार मानो साहब को कोई फर्क नही पड़ता है। क्योंकि विकेट नीचे के कर्मचारियों का गिरता है। भाजपा के एक जिला पदाधिकारी ने गर्म जोसी से भाजपा सरकार बनते ही कोरिया वन मंडल के दागों को साफ करने के लिए आवाज उठाई थी आज वो आवाज न जाने कहा दफन है। 10 महीने से ज्यादा का समय भाजपा सरकार को होने को है मगर कोरिया वन मंडल में बदलाव की कोई आंच नही आई आंच आई होती तो सायद बाघ की मृत्यु नही होती बाघ विचरण की सूचना लोकेशन वन अमला के पास होता ।
दो धारी तलवार सहायक वन संरक्षक
वर्तमान में कोरिया वन मंडल में पदस्त सहायक वन संरक्षक (एसडीओ) दोनों हांथो में बेड़ा उठाए चले है। रेंजर रहते दो वन परिक्षेत्र कोटाडोल और बैकुंठपुर का प्रभार लेकर चलते थे । मजाल था कि जब तक रेंजर थे कोई प्रभार छीन ले या ट्रांसफर करवा दे न ही प्रशासनिक ट्रांसफर सूची में कभी इनका नाम आया अब सहायक उप मंडलाधिकारी के तौर पर कोरिया वन मंडल के उत्तर और दक्षिण सम्हाल रहे है। इतना ही नही गुरु घासी दास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर के असिस्टेंट डायरेक्टर का भी भार अपने कंधों में उठाए है।
चुनाव आयोग की भी नजर नही
लोक सभा चुनाव के पूर्व तीन साल एक ही स्थान में पूर्ण कर चुके कर्मचारी,अधिकारियों अन्यत्र स्थानांतरण कर दिए जाते है। ताकि चुनाव निष्पक्ष हो किसी तरह की आशंका जैसी बात उतपन्न न हो इसके लिए चुनाव आयोग चुनाव की तैयारियों के दौरान तीन सालों से एक स्थान मे जमे अधिकारियों की जानकारी प्रत्येक विभागों से मंगा कर तीन साल का समय एक स्थान पर बिता चुके अधिकारी कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने राज्य को प्रस्ताव भेजता है। लेकिन कोरिया वन मंडल में तीन साल पूरे या पूर्ण हो जाने के बाद भी सहायक वन संरक्षक पर कोई आंच नही आई जिसका प्रभाव और दायित्वों के निर्वाहन में साफ है एसडीओ साहब के हांथ में पार्क और कोरिया वन मंडल दोनों की जिम्मेदारी है उसके बाद भी बाघ की आमद,विचरण की जानकारी नही थी। 8 नवंबर को बाघ की मृत मिले शव ने लापरवाही की पोल खोल दी उसके बाद भी आधिकारिक जिम्मेदार सजग नही थे तेंदुए की मौत हो गई और अब भालू की मौत हुई है।
टाइगर रिजर्व की खुशी
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व घोषित होने पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे के नेतृत्व में वन विभाग के कार्यालय के सामने जमकर आतिशबाजी की गई और मिठाई बांटी गई,
उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की विष्णु देव सरकार को बधाई दी और टाइगर रिज़र्व घोषित करने पर आभार जताया। उस दिन मतलब मंगलवार को भालू के शव का अंतिम संस्कार किया गया सोनहत वन परिक्षेत्र के रजौली बिट अंतर्गत भालू का मृत शव मिला था इधर खुशी उधर वन्य प्राणी का अंतिम संस्कार हो रहा था ।
क्षेत्र के लिए टाइगर रिजर्व बनना खुशी की बात है पर वन्य प्राणियों की एक के बाद एक मौत चिंताजनक है क्योंकि इन्ही के बदौलत खुशियों का पिटारा क्षेत्र की झोली में आया है।